How the Earth was Born 
पृथ्वी का जन्म कैसे हुआं ? धरती पर जीवन की सुरुवात कैसे हुई |
पृथ्वी का जन्म
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इस वक्त आप आराम से बैठकर इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं जिस जगह पर आप अभी बैठे हो वह जमीन आज से करोड़ों साल पहले 8500°F के तापमान पर उबल रही थी या जिस जगह पर आप बैठे हैं वह जगह लाखों सालों तक बर्फ से ढकी हुई थी यह दोनों बातें सच है आप इस पोस्ट के अंदर आप पृथ्वी के 450 करोड़ों साल के सफर को पढ़ने वाले हैं। जिस जगह आज हमारा सौरमंडल है वहां विभिन्न प्रकार के गैस और धूल के बादल हुआ करते थे |

वैज्ञानिकों के मुताबिक इन धूल बादलों से दूर एक तारा हुआ करता था वक्त के साथ-साथ उस तारे की उर्जा कम होने लगी जिसके कारण उसके अंदर एक विशाल विस्फोट हुआ विस्फोट की वजह से अंतरिक्ष की धूल एक दूसरे से दबने लगी इस दौरान बादलों में स्थित धूल के कण दबाव और गर्मी के करण बड़े उल्का पिंड पत्थरों में परिवर्तित हो चुके थे। और इसी दवाओं के वजह से इन बादलों में स्थित रेडियो एक्टिव पदार्थ ग्रेविटी का निर्माण किया|
इस ग्रेविटी के कारण बीच में हाइड्रोजन और हीलियम इकट्ठा होने लगे व्हिच के इस भयंकर दबाव के कारण एक विशाल विस्फोट हुआ और इसी विस्फोट के कारण हमारे सूर्य का जन्म हुआ। अंतरिक्ष में फैले एस्ट्रोराइड यानी कि छुद्र ग्रह भारी वजन के वजह से सूरज के करीब आकर सूर्य का परिक्रमा करने लगे धीरे-धीरे स्ट्राइड में भारी टकराव हुआ जिसके फलस्वरूप मरकरी वीनस अर्थ और मार्च जैसे ग्रहों का निर्माण हुआ वैज्ञानिकों के अनुसार उस वक्त पृथ्वी और मार्श यानी कि मंगल ग्रह के बीच थिया नमक ग्रह सूरज का परिक्रमा किया करता था|
सूर्य का परिकर्मन –
पृथ्वी का जन्म – पृथ्वी पर ग्रेविटी होने की वजह से सूरज के परिक्रमा करने वाले एस्ट्रोराइड पृथ्वी के परिक्रमा करने लगे धीरे-धीरे करोड़ों सालों तक यह पृथ्वी पर गिरते रहे और ऐसी ही घटना हमारे पड़ोसी ग्रह थीया पर भी हो रही थी। जिसके कारण थीया पृथ्वी के और करीब आने लगा और आकर पृथ्वी से टकराया इस भयंकर टकराव की वजह से पृथ्वी के हिस्से कणों के रूप में अंतरिक्ष में फैल गए
– और एक रिम्स की तरह पृथ्वी की परिक्रमा करने लगे इन्हीं परिक्रमा करते हुए कणों में टकराव होने लगा जिसके कारण चांद का निर्माण हुआ उस वक्त पृथ्वी पर सिर्फ एक ही समुंद्र हुआ करता था और वह था उन्हें 1900 डिग्री सेल्सियस तापमान पर उबलता हुआ लावा। उबल रही थी वह सारी चीजें जिससे आप आज अलग अलग नाम से जानते हैं वक्त के साथ-साथ पृथ्वी धीरे-धीरे ठंडी हो रही थी। जिसके कारण पृथ्वी के भारी तत्व धातु और रेडियो एक्टिव पदार्थ पृथ्वी के केंद्र में जाकर इकट्ठा हो गए
-और हल्के पदार्थ पृथ्वी की सतह पर आ गए। लाखों सालों तक पृथ्वी पर उल्का पिंड की बरसात हुई और इन गिरते हुए उनका विंडो में जमा था नमक, मिनरल्स और पानी करोड़ों सालों तक इन उल्का पिंडों की बरसात होती रही| और धीरे-धीरे पृथ्वी की ऊपरी सतह पर पानी से ढकने लगी वैज्ञानिकों के मुताबिक यही वह वक्त था जब दूर गहरे पानी के अंदर निकलते ज्वालामुखी यों से सूक्ष्म जीवों का निर्माण हुआ।
पृथ्वी का जन्म – लाखो सालों बाद एक वक्त ऐसा आया जब पृथ्वी की पूरी सतह पानी से ढक चुकी थी हमारे पृथ्वी के सबसे अंदर का कोर रेडियोएक्टिव पदार्थ से बने होने की वजह से हरदम गर्म होते रहता है लेकिन जब भी पृथ्वी की ऊपरी जमीन ठंडी हो जाती है तब पृथ्वी की अंदर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती जिसके कारण ज्वालामुखी यों का निर्माण होता है और उस वक्त कुछ ऐसा ही हुआ पानी से ढकी हुई पृथ्वी पर हजारों की तादाद में ज्वालामुखी निकलने लगे|
ज्वालामुखी का निकलना –
पृथ्वी का जन्म – आने वाले लाखों सालों तक इन ज्वालामुखी यों का निकलना जारी रहा जिससे पानी के ऊपर जमीन का निर्माण हो रहा था इस वक्त भी पृथ्वी पर वातावरण ना होने की वजह से अंतरिक्ष से उल्का पिंडों की बरसात हो रही थी। और से लगभग 300 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर ऐसा वक्त आया जब पृथ्वी का वातावरण लगभग स्थिर होने लगा था ज्वालामुखी निकलने धीरे होने लगे थे। उस समय पृथ्वी का एक दिन 12 घंटे का हुआ करता था साल बीतते गए|
और धीरे-धीरे यह सूक्ष्मजीव विकसित होते गए और वह समूह में रहने लगे आज से लगभग 250 करोड़ साल पहले पहली बार पृथ्वी पर ऐसे जीवो का निर्माण होगा जो जीने के लिए यह पानी के अंदर के मिनरल्स जाने की खनिज पदार्थ है और धूप का इस्तेमाल करते थे और मल त्याग के रूप में ऑक्सीजन बाहर निकालते थे इस वक्त तक पृथ्वी पर ज्यादातर ज्वालामुखी निकलने बंद हो चुके थे |
और इन माइक्रो बैक्टीरिया की वजह से वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ रही थी वातावरण में ऑक्सीजन बढ़ने की वजह से पृथ्वी का वायुमंडल बनना शुरू हुआ और आने वाले हजारों सालों तक वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती रहे जिसकी वजह से पृथ्वी के ज्यादातर हिस्सों में यह सूक्ष्मजीव फैल गए हजारों सालों बाद एक वक्त ऐसा आया पृथ्वी में ज्यादा ऑक्सीजन बढ़ने के कारण यह सूक्ष्मजीव मरने शुरू हो गए
– उस वक्त तक पृथ्वी का वातावरण ठंडा होने के साथ-साथ ऑक्सीजन से भी भर चुका था जिसके कारण जमीन और वातावरण में स्थित आयरन यानी कि लोहे के मिनरल्स पानी में ऑक्सीजन से रिएक्ट होने लगे और एक वक्त ऐसा आया|
पृथ्वी का जन्म – जब पृथ्वी की जमीन आज के मास्क के जैसे लाल हो चुकी थी वक्त बीतने के साथ-साथ धरती की टेक्टोनिक पदार्थ में दरार होने लगी जिसके कारण पृथ्वी के अंदर का लावा जमीन की तरह कई लाखों सालों तक उबलता रहा और यही वह कारण था जिसके कारण पृथ्वी के वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत बढ़ गई और पृथ्वी पर एसिड की बरसात शुरू हो गई एसिड रेंज की वजह से पृथ्वी का तापमान घटने लगा और तापमान इतना घटा कि पृथ्वी के उपस्थित पानी बर्फ में परिवर्तित होने लगा पृथ्वी पर पहली बार भारी आइसबर्ग आया इस वक्त पृथ्वी पूरे सफेद बर्फ से ढक चुकी थी।
पृथ्वी पर जीवो की उत्पति –
पृथ्वी का जन्म – आमतौर पर जब पृथ्वी पर सूरज की किरने गिरती है तब जमीन इन किरणों को सोख लेती है मगर यह पृथ्वी बर्फ से ढक चुकी थी और क्योंकि वर्क यह सफेद और चमकीली होती है जिसके कारण सूरज की किरने धरती पर गिरने के बावजूद वापस चली जाती थी इसी कारण से पृथ्वी कई लाखों सालों तक बर्फ से ढकी रही मगर फिर से पृथ्वी के अंदर गर्मी की वजह से ज्वालामुखी के रूप में निकलना शुरू हो गई और इन ज्वालामुखी से निकलने वाली गर्मी में बर्फ को पिघला ना शुरू कर दिया |
इसी बीच पृथ्वी की गहराई में बच्चे कुछ सूक्ष्मजीव धीरे-धीरे बदल रहे थे और वह ऑक्सीजन को अपने शरीर को बड़ा और जटिल बनाने के लिए इस्तेमाल करने लगे थे इस बीच समुंद्र में अलग से समुद्री पौधे निकलने शुरू हो चुके थे बाहर जैसे जैसे ज्वालामुखी निकल रहे थे वैसे वैसे वातावरण कार्बन डाइऑक्साइड की वजह से गर्म हो रहे थे वक्त के साथ-साथ बर्फ को पिघलने लगी मगर पृथ्वी पर फिर से एसिड की बरसात शुरू होने लगी |
पृथ्वी पर वर्फ की परत जमना –
जिसके कारण फिर पृथ्वी ठंडी होने लगी और फिर पृथ्वी की ज्यादातर सतह बर्फ से ढंग की गई। ऐसा बार बार कई हजारों सालों तक होता रहा और इसी कारण से समुद्री जीव धीरे-धीरे वातावरण के हिसाब से विकसित हो रहे थे इस बीच कई सारे समुद्री जीव और जंगल विलुप्त हो गए मगर जो बच गए वह पृथ्वी के बदलते हुए तापमान के हिसाब से ढलते गए और हजारों साल बाद समुद्री पौधे बर्फ की वजह से पूरी तरह से मरते या वर्ग की वजह से सूखते नहीं थे।
अब सूक्ष्मजीव समुद्री जीव बन चुके थे जब फिर से ज्वालामुखी उन्हें पृथ्वी की बर्फ को पिघलाना शुरू किया तब यह समुंद्री पेड़ जल्दी विकसित होकर फैल गए धीरे-धीरे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगी और पृथ्वी पर होने वाली एसिड की वर्षा कम होने लगी वातावरण में ऑक्सीजन आने की वजह से पृथ्वी की ओजोन लेयर मोटी होने लगी और आज से लगभग 47000 करोड़ साल पहले पृथ्वी की ऊपरी सतह पर पहली बार मोसोस नामक प्लांट उगना शुरू हुआ वक्त के साथ सब जमीन पर अलग-अलग पौधे और पेड़ उगना शुरू हुए एक वक्त ऐसा आया|
पृथ्वी का जन्म – जमीन के पेड़ों की लंबाई लगभग 80 से 100 फिट जितनी या आज के पांच से छह मंजिला ऊंची हो चुकी थी यह वह वक्त था जब समुद्री जानवर पानी से बाहर जमीन पर निकल रहे थे और यह जमीनी जानवरों में परिवर्तित हो रहे थे धरती की जगह तक जमीन एक जगह इकट्ठे हो चुकी थी जिसे हम आज पंजिया महाद्वीप के नाम से जानते हैं पृथ्वी का वातावरण और तापमान लगभग स्थिर हो चुका था और यह करीब 21 से 23 घंटे का दिन हुआ करता था। अब समुद्री जीव पानी से बाहर रहने लगे थे और वातावरण के हिसाब से उनका शरीर के रंग रूप बदल रहा था
धीरे-धीरे यह जमीनी जानवर डायनासोर्स में परिवर्तित हो गए जिन डायनासोर ने पेड़ पौधे खाना शुरू कर दिए उनका शरीर लंबा और विशाल रूप से विकसित होने लगा कुछ डायनासोर शिकार किया करते थे जिसके कारण वह छोटे और तेज होते चले गए।
जीव – जंतु कहा रहा करते थे –
पृथ्वी का जन्म – पृथ्वी की ऊपरी जमीन एक जगह इकट्ठे होने के कारण ज्यादातर जमीन रेगिस्तान और बंजर हो चुकी थी ज्यादातर जंगल समुद्र के करीब हुआ करते थे जिसमें डायनासोर रहा करते थे आज से लगभग 20 करोड़ों साल पहले पंजिया महाद्वीप टूटना शुरू हो गया पंजिया के विभाजित होने की वजह से पृथ्वी की ज्यादातर जमीन पानी के संपर्क में आने लगी जिसके फलस्वरूप पृथ्वी पर हरियाली बढ़ती गई जिस वजह से डायनासोर की भी और विशाल होते गए|
डायनासोरस ने आने वाले लगभग 20 से 30 करोड़ साल पृथ्वी पर राज्य किया उस वक्त डायनासोर जमीन से लेकर आसमान पूरी पृथ्वी पर राज किया करते थे इस दौरान अफ्रीका से टूटा सीधा भारत आकर तिब्बत से टकराया और इस टकराव की वजह से हिमालय का निर्माण हुआ। ऐसे ही रह से जुड़ी पोस्ट पढ़ने के लिए आप हमारा नीचे दिए गए टेलीग्राम चैनल पर अभी ज्वाइन करें ज्वाइन करने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।