How to live life freely
Live life freely Quotes
Live life freely Meaning
दुनिया के कई बड़े बड़े मैनेजमेंट गुरु ने इंटेलिजेंस की नई परिभाषा दी है उनके अनुसार फ्लैक्सिबिलिटी टू चेंज यानी स्थितियां यह बदलाव के अनुकूल होकर काम खत्म करनी ही सही बुद्धिमानी है।
How to live life freely – जापान में कोई भी प्रजाति की मछली होती है इसकी एक अजीब सी विशेषता है जन्म के समय यह एक डेढ़ इंच की होती है इसे अगर टब में रखकर पाला जाए तो यह जीवन में सिर्फ 2 या 3 इंच तक ही बढ़ती है। वहीं अगर इसे किसी वाटर टैंक या टब में रखें तो यह 8 से 10 इंच तक बढ़ती है। और अगर इसे किसी बड़ी तालाब में पाला जाए तो यह दो-तीन फुट तक बड़ी हो जाती हैं। वैज्ञानिक दसको तक यही सोचते कि उसी प्रजाति की मछली का विकास अलग-अलग तरह से कैसे हो सकता है।
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शोध में सामने आया है कि मछली दरअसल परिवेश के आधार पर खुद के विकास की सीमित कर लेती है या समेट लेती है और उसी सोच के आधार पर उसका शारीरिक विकास तय होता है। अगर आप ने तय कर लिया कि यह मेरी सीमा है तो विकास भी उसी सीमित दायरे में होगा और सोच लिया कि आप को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता तो फिर असीमित ग्रोथ कर सकते हैं।
लेकिन जीवन की इस ग्रुप में हमारा एटीट्यूड भी बहुत मायने रखता है हम जीवन में कर्म के सिद्धांत को सबसे ऊपर रखते हैं लेकिन काम में एटीट्यूड से भी परिणाम तय होते हैं अगर आपके मन में विचार आया कि काम 2 सेकंड बाद करूंगा तो यह आलस की निशानी है। कौन से जुड़ा पहला एटीट्यूड होना चाहिए कल का काम आज, आज का काम अभी।
तभी आप महान काम कर पाएंगे दुनिया के महान लोगों की आत्मकथा से भी यही सार निकल कर आया है । दूसरा एटीट्यूड समय का सही इस्तेमाल होना चाहिए। प्रमुख स्वामी महाराज एक बार कोयंबटूर से कहीं जा रहे थे रेलवे स्टेशन पर ट्रेन 15 मिनट लेट थी इस बीच उन्होंने जिज्ञासु के पत्र निकाल कर पढ़ना शुरू कर दिए एक अखियां हैं स्वामी महाराज डेंटिस्ट के यहां गए वहां 1:30 मिनट के बैटिंग पीरियड में भी उन्होंने दो पत्र पर डालें अब आप खुद से सवाल करिए कि खाली समय में अब कैसा एटीट्यूड रखते हैं।
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हम जम्हाई लेते हुए मोबाइल में व्यस्त हो जाते हैं महान लोग अपने समय के मिली सेकंड तक का इस्तेमाल करते हैं और हम घंटों दिनों का इस्तेमाल ही नहीं करते हैं तीसरी बात है हम अपना शेड्यूल तय करना दिन में कम से कम दो-तीन दिन काम का शेड्यूल जीवन भर वही बनाए रखें। इससे बाकी गतिविधियां का समय अपने आप टाइप कर या सुधर जाएगा प्रमुख स्वामी महाराज अपने जीवन में 40 साल तक सुबह 6:40 पर वाकिंग के लिए आए उनके कई कामों का समय फिक्स था इस तरह आप अपना शेड्यूल बना सकते हैं,

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कहते हैं कि जीवन में कम खाएंगे तो शरीर स्वस्थ रहेगा और गुस्सा नहीं करेंगे तो जीवन अच्छा रहेगा। अब भावनात्मक रूप से कितने मजबूत है यह तभी पता चलेगा जब कोई आपका अपमान करेगा समाज में बोलने वाले कम है नहीं है हमेशा चालू रहेगा सवाल है कि आपका डिफेंस कितना मजबूत है जीवन में अपना कहना भी सीखें वरना छोटी छोटी बातों में आपका मूड डिस्टर्ब हो जाएगा हमारा मन कितना निर्बल है कि किसी के नहीं मुस्कुराने पर हम गुस्सा हो जाते हैं 50 फ़ीसदी जीवन तो पानी में व्यर्थ चला जाता है क्योंकि हमें पता ही नहीं होता कि क्या कर रहे हैं इसके अलावा खुद को बदलने के लिए तैयार रहिए। – Click Here